बस स्टैंड अमृतसर पर हुए मर्डर केस को सुलझा लिया है।
18 नवंबर को बस स्टैंड अमृतसर पर हुए मर्डर केस को सुलझा लिया है। बस स्टैंड पर,तीन हमलावरों ने मक्खन सिंह निवासी गांव घनश्याम पूरा की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। मक्खन सिंह काहलो ट्रांसपोर्ट कंपनी का अड्डा इंचार्ज था। इस हत्या की जिम्मेदारी गैंगस्टर्स द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर ली गई थी। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया है के इस हत्याकांड की गुत्थी को उनकी पुलिस टीम द्वारा सुलझा लिया गया है। हत्याकांड में शामिल तीन शूटर समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक शूटर दलेर सिंह को पिस्तौल बरामद करने के लिए पुलिस वेरका इलाके में लेकर गई थी।
जहां पर उसने पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया। पुलिस द्वारा जवाबी कार्रवाई करने पर आरोपी गोली लगने से घायल हो गया है। पुलिस कमिश्नर ने बताया है कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान दलेर सिंह पुत्र दिलबाग सिंह निवासी गांव झंगियां खुर्द, थाना फतेहगढ़ चूड़ियां, गुरदासपुर (शूटर) जॉन बेटा सविंदर सिंह उर्फ बिट्टू निवासी गांव गालोवाली, अमृतसर ग्रामीण. धर्मवीर सिंह उर्फ जोबन पुत्न अमरीक सिंह निवासी गांव मंडियाला, थाना घुमन, गुरदासपुर, करणबीर सिंह उर्फ करण,, गांव घनुपुर काले, थाना छेहर्टा, अमृतसर बिक्र मजीत सिंह, भाई जैता सिंह नगर, गांव घनुपुर काले, थाना छेहर्टा, अमृतसर. लवप्रीत सिंह उर्फ लव बेटा हरजीत सिंह, निवासी गांव खुशीपुर कोटला कथुनांगल, अमृतसर रूरल के रूप में हुई है।
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया है के अमृतसर सिटी के थाना रामबाग में केस दर्ज कर मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने हर एंगल से पूरी जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज, लोकल इंटेलिजेंस और टेक्निकल एनालिसिस से टीम को आरोपियों की मूवमेंट का पता लगाने और जल्दी से लीड बनाने में मदद मिली। जैसे-जैसे लीड एक सस्पेक्ट से दूसरे सस्पेक्ट से जुड़ती गई, तस्वीर साफ होती गई। पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए सबसे पहले जॉन को अरेस्ट किया, जो फायरिंग के दौरान बस स्टैंड के बाहर मोटरसाइकिल पर शूटर्स को भागने में मदद करने के लिए इंतज़ार कर रहा था और क्र ाइम के दौरान इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल और कपड़े बरामद किए।
उससे पूछताछ में अगली लेयर खुली। जॉन के खुलासे पर, शूटर करणबीर सिंह करण को अरेस्ट किया गया, और आगे की पूछताछ में बिक्र मजीत सिंह बिक्का को अरेस्ट किया गया, जिसने अटैक के बाद शूटर्स को पनाह दी थी और ऑपरेशन की प्लानिंग में मदद की थी। साथ ही कार्रवाई के दौरान, आरोपी धर्मवीर सिंह उर्फ जोबन को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने हत्या के बाद सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी लेने पोस्टअपलोड की थी। जॉन के खुलासे से टीम को दो और आरोपियों की पहचान करने में मदद मिली।
शूटर लवप्रीत सिंह उर्फ लव को जामनगर तक ट्रेस किया गया, जहाँ उसे गुजरात पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद दलेर सिंह का नाम सामने आया। शूटर दलेर सिंह, जो इस चेन का एक और अहम हिस्सा था, उसे भी हिरासत में ले लिया गया। इंस्पेक्टर अमनदीप कौर, एस एच ओ ऊ डिवीजन, पुलिस टीम के साथ आरोपी दलेर सिंह को वेरका बाईपास पर नाले के पास पिस्टल बरामद करने के लिए ले गईं। बरामदगी के दौरान, आरोपी दलेर सिंह ने अचानक झाड़ियों से 30 बोर की पिस्टल निकाली और जान से मारने के इरादे से पुलिस पार्टी पर सीधे गोली चला दी। इंस्पेक्टर अमनदीप कौर जल्दी से एक पेड़ के पीछे छिप गईं और हवा में एक वॉर्निंग फायर किया।
सरेंडर करने के बजाय, आरोपी दलेर सिंह ने पुलिस पर तीन और गोलियां चलाईं।अपनी टीम को बचाने के लिए, इंस्पेक्टर अमनदीप कौर ने सेल्फ-डिफेंस में गोली चलाई। एक गोली आरोपी के दाहिने पैर में लगी, जिससे वह गिर गया और उसका हथियार गिर गया। घायल आरोपी को तुरंत सिविल हॉस्पिटल अमृतसर ले जाया गया। आरोपी के खिलाफ थाना वेरका में केस दर्ज किया गया है। पुलिस कमिश्नर के अनुसार इस हत्याकांड के तार देश में बैठे अपराधियों के साथ जुड़े हुए हैं। डोनी बल और उसके साथियों को भी केस में शामिल किया गया है।