आज किसानों द्वारा घोषित रेल रोक आंदोलन से पहले ही राज्य पुलिस हरकत में आ गई है।
पंजाब में आज किसानों द्वारा घोषित रेल रोक आंदोलन से पहले ही राज्य पुलिस हरकत में आ गई है। संभावित अव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने कई प्रमुख किसान नेताओं को हाउस अरेस्ट कर दिया है। इसके बावजूद किसानों ने साफ किया है कि वे निर्धारित समय के अनुसार राज्यभर के रेल मार्गों पर दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक शांतिपूर्ण धरना देंगे।
राज्य के 19 जिलों में 26 जगहों पर ट्रैक पर बैठेंगे किसान
किसान संगठनों ने घोषणा की है कि वे लुधियाना, जालंधर, अमृतसर सहित कुल 19 जिलों में 26 लोकेशनों पर रेलवे ट्रैक पर धरना देंगे। यह दो घंटे का आंदोलन रेल यातायात को प्रभावित कर सकता है। रेलवे विभाग ने आकस्मिक योजना बनाई है, जिसके तहत कुछ ट्रेनों को रोकने, मार्ग बदलने या रद्द करने की संभावना है। हालांकि, अभी तक प्रभावित ट्रेनों की आधिकारिक सूची जारी नहीं की गई है।
बता दें कि यात्रियों को आज इन दो घंटों के दौरान रेल यात्रा में असुविधा हो सकती है। किसानों ने स्पष्ट किया है कि यह विरोध केवल रेलवे लाइनों तक सीमित रहेगा वे किसी हाईवे को अवरुद्ध नहीं करेंगे।
कई किसान नेता नजरबंद, पुलिस ने बढ़ाई सतर्कता
पंजाब पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र कई किसान नेताओं के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया है। भारतीय किसान मजदूर यूनियन (पंजाब) के अध्यक्ष दिलबाग सिंह को भी नजरबंद किया गया है, जो लुधियाना क्षेत्र में इस रेल रोक आंदोलन के प्रमुख आयोजक माने जाते हैं।
आखिर किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?
किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन पंधेर ने आंदोलन की तीन प्रमुख मांगें बताई हैं:
बिजली संशोधन बिल–2025 को रद्द किया जाए।
पंजाब में लगाए जा रहे प्रीपेड बिजली मीटरों को बंद किया जाए।
सरकार को राज्य की सरकारी जमीनें बेचने से रोका जाए।