Saturday, December 6, 2025
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Jalandhar के 13 वर्षीय बच्ची हत्याकांड में बड़ा खुलासा: घर के अंदर एक नहीं बल्कि 2 शख्स थे मौजूद

जालंधर में 13 साल की बच्ची की बलात्कार और हत्या मामले

जालंधर में 13 साल की बच्ची की बलात्कार और हत्या मामले में ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (HRP) ने पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं। संगठन ने दावा किया है कि हत्या के समय आरोपी के घर के अंदर केवल एक नहीं, बल्कि दो लोग मौजूद थे।

HRP पंजाब के जिला अध्यक्ष शशि शर्मा ने वीडियो संदेश में कहा कि घटना के वक्त मौके पर मौजूद ASI ने भी दो लोगों को देखा था। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग उन्हें पकड़ने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर के अंदर जाने से रोका। शशि शर्मा ने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि सीनियर IPS अधिकारी द्वारा जांच करवाई जाए ताकि आरोपी के खिलाफ कोर्ट में ठोस सबूत पेश किए जा सकें और कड़ी सजा सुनिश्चित हो।

दूसरे आरोपी का नाम क्यों नहीं दर्ज किया गया?

शशि शर्मा ने बताया कि पहले टर्मिनेट किए गए ASI मंगत राम ने अपने बयान में स्वीकार किया था कि हत्या के समय दो लोग मौजूद थे। लेकिन पुलिस ने दूसरे आरोपी का नाम केस में दर्ज नहीं किया। शशि ने कहा कि यह सवाल उठता है कि दूसरा आरोपी कौन था और क्यों उसे अभी तक केस में शामिल नहीं किया गया।

पुलिस कार्रवाई में कई गंभीर लापरवाहियां

HRP ने पुलिस कार्रवाई पर कई आरोप लगाए हैं-

FIR में देरी: लड़की के गुम होने की सूचना 22 नवंबर को शाम 7 बजे मिली थी, लेकिन FIR 23 नवंबर दोपहर तक दर्ज नहीं की गई।

मौके पर कर्मियों की कमी: जांच के दौरान सफाई कर्मचारी को पुलिस के साथ क्यों लिया गया, यह भी सवालों के घेरे में है।

साक्ष्य की अनदेखी: ASI मंगत राम, ASI लखवीर सिंह और सिपाही हरदीप सिंह ने मौके पर लड़की की मां से बयान लिए, लेकिन कानून के मुताबिक FIR दर्ज नहीं की गई।

पोस्टमॉर्टम से पहले FIR नहीं: शव मिलने के बाद FIR दर्ज किए बिना पोस्टमॉर्टम करवा दिया गया।

भीड़ की प्रतिक्रिया और आरोपी की पिटाई

शव मिलने के बाद गुस्साए लोग आरोपी रिंपी उर्फ हैप्पी पर टूट पड़े और उसके घर पर पथराव भी किया। भीड़ ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की मांग की।

HRP ने सीनियर अधिकारी जांच की मांग की

HRP ने कहा कि घटना की जांच किसी सीनियर IPS अधिकारी द्वारा करवाई जाए, ताकि दोषी अधिकारी और पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई हो। शशि शर्मा ने बताया कि मंगत राम को डिसमिस किया गया था, लेकिन पुलिस सर्विस एक्ट 311 के तहत नियमों का पालन नहीं किया गया।

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